Sunday, May 31, 2020

सामान




























(pc: https://www.merriam-webster.com/words-at-play/difference-between-luggage-and-baggage)


कितना सामान है 
हम सब कितना सामान इकट्ठा कर लेते हैं
कई बार मुश्किल हो जाता है
उस सबको समेटना
उस सबको सहेजना भी 
सब कुछ 
यात्रा का पाथेय लगते हुए भी 
लगने लगता है, बोझ.

सूटकेसों में नहीं समिट पाता है 
वह सब जो ऐल्बमों में रहता है 
स्मृतियों में बसता है 
एल्बम का एक-एक फ़ोटो 
कितनी कहानियाँ कहता है 

कितना कुछ सामान 
प्रतीत होता है, समिटता हुआ 
परंतु वास्तविकता में 
यह सब सामान इतना फैला हुआ होता है 
कि हम जीवन भर समेटते रहते हैं
जीवन पर्यन्त इकट्ठा किया हुआ सब-कुछ 
(सामान, स्मृतियाँ व अनुभव) 

सूटकेस को दबा-दबा कर 
भरने से सामानों के बीच लड़ाई होती है
और हम अपने दम्भ में रहते हैं 
बिना इस बात को जाने 
कि यह सब सामान 
मात्र हमारी सहूलियत के लिए है।

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