Wednesday, February 9, 2022

रिश्ते - 20

कहीं पढ़ा था -
नज़र का इलाज़ किया जा सकता है नज़रिए का नहीं,
इस कथन का रिश्तों के निभाने में बहुत महत्व होता है.
कई बार हम दूसरों के नज़रिए का इलाज करने में
अपना बहुमूल्य समय बर्बाद करते हैं.
जैसा है वैसा स्वीकार करने से रिश्ते बेहतर होते हैं
और बिना इस पर ध्यान दिए
कि दूसरे का नज़रिया ग़लत है
यदि हम अपने कर्तव्य का निर्वाहन करते रहते हैं
तो रिश्ते केवल जीवित ही नहीं रहते
बल्कि प्रगाढ़ भी होते हैं.
जब रिश्ते मूल हैं, प्रधान हैं
तो बाक़ी सब गौण हो जाना चाहिए.
इसको समझना व इस पर अमल करना
सफल जीवन जीने की एक प्रमुख चुनौती है.
हर प्रकार के रिश्ते में इसका महत्व है.
यदि हम जान जाएँ व इसको पूरी तरह से मान लें
कि दूसरे का नज़रिया बदलना बहुत मुश्किल है
या यों कहें कि नामुमकिन है,
तो शायद हम रिश्तों को भली प्रकार व आनन्दपूर्वक जी पायेंगे.
और यदि नज़रिया बदलना ही है
तो स्वयं का बदलें
और रिश्तों को उनके रूप में स्वीकार करें
क्योंकि नज़र का इलाज किया जा सकता है.
नज़रिए का नहीं.

रिश्ते 19

दरवाज़ों से प्रवेश करते हैं रिश्ते
चौखटें लांघते हैं
खिड़कियों से झांकते हैं
रोशनदानों को निहारते हैं
चहारदीवारी पर छलांग लगाते हैं
छतों पर घूमते हैं
दुछत्तियों में छिपते हैं
कमरों में भटकते हैं

रिश्ते पर्दे हटाते हैं और डालते भी हैं
करवटें बदलते हैं
दरारों से झांकते हैं
कई बार कोनों में दुबकते भी हैं
आँगन में छाँव तलाशते हैं
परछाई से साथ चलते हैं

दीवारों पर टांग दिए जाते हैं
बड़े क़रीने से
फूलमालाओं के साथ
रिश्ते चलते रहते हैं
यादों के साथ
रुकते तो हम हैं.


रिश्ते 30

गाँठ या यों कहें ग्रंथि रिश्तों के जीवन में बाधा भी बनती हैं और स्वावलोकन का कारण भी, बेहतर इंसान बनने की ओर प्रेरित भी करती हैं, और अहंकार ...