Thursday, September 1, 2022

रिश्ते 22

रिश्ते 
अपने आप नहीं मरते 
बल्कि हम लोग 
अपने कृत्यों द्वारा 
उन्हें मार देते हैं.

जब रिश्तों में 
द्वेष और कलह का प्रवेश होता है 
उनकी हड्डी कमजोर हो जाती है.
कमज़ोर रिश्ते 
रीढ़ को 
कमज़ोर करते हैं 
और मज़बूत रिश्ते 
रीढ़ को 
बल प्रदान करते हैं.
 
जब कभी रिश्तों में 
नज़रअंदाज़ी बरती जाती है
खून की कमी 
महसूस होने लगती है
और जब रिश्ते 
ग़लतफ़हमी का शिकार होने लगते हैं
रिश्ते अपनी 
अंतिम साँसें ले रहे होते हैं.

रिश्ते अपने आप नहीं मरते 
बल्कि हम उन्हें मार देते हैं, 
कभी बेपरवाही से
कभी नज़रअंदाज़ी से
कभी अहंकार से
तो कभी दुर्व्यवहार से. 

रिश्तों को सहेजना होता है 
पालना होता है
धैर्य से
धीर से
सँभालना होता है
अपने प्रयासों द्वारा
संयम से
सजगता से.

और ऐसे रिश्ते चलते हैं
रुकते तो हम हैं.

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