Saturday, April 1, 2023

रिश्ते 25

रिश्तों को बनाना, 
निभाना व जीवित रखना भी 
एक कला होती है. 
कई बार 
यह व्यक्ति के स्वभाव पर भी 
निर्भर करता है 
और जिसके साथ 
रिश्ता बनाया जा रहा होता है, 
उसके प्रभाव पर भी. 

कुछ लोग इस कला में 
पारंगत होते हैं 
और इस कला के माध्यम से 
रिश्तों का आनंद लेते हैं. 

किसी भी और कला की भाँति 
इसको भी सीखा जा सकता है 
और निपुणता हासिल की जा सकती है. 

परिवेश व परिस्थिति भी 
कई बार इस कला को 
विकसित करने में सहयोग करते हैं. 

समय एक सशक्त प्रशिक्षक की 
भूमिका निभाता है 
और अपने इस भाव से 
रिश्तों को निभाने की कला सिखाता है. 

रिश्तों को जीवित रखना 
व ख़त्म होते रिश्तों को पुनर्जीवित करना 
कठिन अवश्य होता है 
परंतु आत्मसंतुष्टि से भर देता है. 

रिश्ते फिर चल पड़ते हैं.

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