हम कई बार अपने प्रयासों के द्वारा
रिश्तों में रंग भरते हैं
रिश्तों को रंगीन रखना
संकल्प भी हो सकता है
और विकल्प भी
कुछ भी हो
रिश्तों की रंगीनियत सभी को लुभाती है
अच्छी लगती है
रिश्ते कभी लाल होते हैं, कभी पीले
कभी-कभी नीले भी हो जाते हैं रिश्ते
रिश्ते सफ़ेद भी होते हैं और काले भी
अधिकतर स्लेटी होते हैं रिश्ते
कुछ काले, कुछ सफ़ेद, ढके भी, खुले भी
गुलाबी रिश्तों का अपना ही मज़ा होता है
इनमें एक ओर आनंद होता है
तो दूसरी ओर नशा होता है
रिश्तों को कई बार बैंगनी बनाने का
या ऐसा दिखाने का प्रयास किया जाता है
कुछ रिश्ते वास्तव में बैंगनी होते हैं
बहुत ऊँची उड़ान भरते हैं ऐसे रिश्ते
रिश्तों को हरा भी रखा जाता है
उनको सींचा जाता है
कई बार रिश्ते स्वतः ही हरे हो जाते हैं
हरे लगने लगते हैं
रिश्ते हरे रहते हैं
गीले रहते हैं
सूख तो हम जाते हैं